मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता......................
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता
कुछ रिश्तो का कोई तोल नहीं होता
वैसे लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर
पर कोई आप की तरह अनमोल नहीं होता ।
दिल के कोने से एक आवाज़ आती है
हमें हर पल उनकी याद आती है
दिल पूछता है बार – बार हमसे
के जितना हम याद करते है उन्हें
क्या उन्हें भी हमारी याद आती है
सूरज वो जो दिन भर आसमान का साथ दे
चाँद वो जो रात भर तारों का साथ दे
प्यार वो जो ज़िंदगी भर साथ दे
और दोस्ती वो जो पल पल साथ दे
सामने हो मंजिल तो कदम ना मोड़ना
जो दिल में हो वो खवाब ना तोडना
हर कदम पर मिलेगी कामयाबी आपको
सिर्फ सितारे छूने के लिए कभी जमी ना छोड़ना ।
जाने क्यों हमें आंसू बहाना है आता
जाने क्यों हालेदिल बताना नहीं आता
क्यों साथी बिछड़ जाते है हमसे
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता ।
मुहब्बत को जब लोग खुदा मानते है
प्यार करने वालों को क्यों बुरा मानते है
जब जमाना ही पत्थर दिल है
फिर पथर से लोग क्यों दुआ मांगते
रात गयी तो तारे चले गऐ
गैरों से क्या गिला जब हमारे चले गऐ
हम जीत सकते थे कई बाज़िया
बस कुछ अपनों को जीताने के लिए हम हारे चले गऐ
प्यार क्या होता है हम नहीं जानते
अपनी ही ज़िंदगी को हम अपना नहीं मानते
गम इतना मिला है के अब एहसास नहीं होता
प्यार कोई करे हमसे तो हमें विश्वास नहीं होता ।।
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